हिंदी अलंकार 30 महत्त्वपूर्ण बहुविकल्पीय प्रश्न

इस प्रश्नोत्तरी में हिंदी अलंकार पर आधारित 30 महत्त्वपूर्ण प्रश्नों को शामिल किया गया है | आशा है आपको Hindi Alankar questions हल करके अपनी जानकारी बढ़ाने में सहायता मिलेगी |

उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता online quiz में शामिल सभी प्रश्नों में संभावित चार ऑप्शन दिए गए हैं | जिनमें से केवल एक ऑप्शन सही है | सही ऑप्शन का चयन करने पर ✅ का चिन्ह तथा गलत ऑप्शन चयन करने पर ❌ का चिन्ह प्रदर्शित होगा |

Uptet online quiz समाप्ति पर आपका रिजल्ट प्रदर्शित होगा | उसके नीचे quiz में दिए गए सभी प्रश्नों के सही उत्तर एक साथ प्रदर्शित किये जायेंगे | इससे आपके द्वारा गलत हल किये गए प्रश्नों का सही उत्तर पता चल सकेगा और आप अपनी तैयारी और सुदृढ़ कर सकेंगे |

Online quiz में दिए गए सभी प्रश्नों के उत्तर यथासंभव सही देने का प्रयास किया गया है| यदि आप किसी प्रश्न के उत्तर से असहमत हैं तो कृपया साक्ष्य सहित हमें help@uptetonline.com पर mail करें | हमारी टीम त्रुटि को सही करने के लिए निरंतर कार्य कर रही है | यदि आप स्वयं द्वारा निर्मित कोई quiz यहाँ शामिल कराना चाहते हैं, तो quiz को word document/.docx फाइल फॉर्मेट में हमें निम्न पते पर mail करें: help@uptetonline.com. आपके द्वारा भेजी गई quiz आपके नाम के साथ प्रदर्शित की जायेगी |

यूपी टेट ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी से होने वाले लाभ

कम समय में अधिक तैयारी

सही उत्तर चुनने की दक्षता

विषय में गहरी समझ

आत्मविश्वास में वृद्धि

मजेदार एवं इंटरएक्टिव तरीके से सीखने का अनुभव

परीक्षा में सफलता की प्रबल संभावना

बेसिक शिक्षा परिषद् द्वारा संचालित सभी प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पढाई जाने वाली पुस्तकों का सम्पूर्ण हल प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें: MasterJEEOnline.com

Hindi Alankar 30 Important questions

Quiz शुरू करने के लिए Start बटन पर क्लिक करें:

हिंदी अलंकार

1 / 30

बसै बुराई जासु तन, ताही को सन्मान। भलो भलो कहि छोड़िए, खोटे ग्रह जप दान।।

कौन-सा अलंकार है?

2 / 30

गर्व करउ रघुनन्दन जिन मन माँहा। देखउ आपन मूरति सिय के छाँह।।

कौन-सा अलंकार है?

3 / 30

भूरि-भूरि भेदभाव भूमि से भगा दिया।

कौन-सा अलंकार है?

4 / 30

तू रुप है किरण में, सौन्दर्य है सुमन में। तू प्राण है पवन में, विस्तार है गगन में।।

कौन-सा अलंकार है?

5 / 30

हैं गरजते घन नहीं बजते नगाड़े। विद्युल्लता चमकी न कृपाण जाल से।।

कौन-सा अलंकार है?

6 / 30

पट-पीत मानहुँ तड़ित रुचि, सुचि नौमि जनक सुतावरं। कौन सा अलंकार है?

7 / 30

लेवत मुख में घास मृग मोर तजत नृत जात। आँसू गिरियत जर लता, पीरे-पीरे पात।।

कौन-सा अलंकार है?

8 / 30

यह मुख है नीले अंबर में या यह चंद्र विमल है। अंधेरे में दीप जला, या सर में खिला कमल है।।

9 / 30

नाक का मोती अधर की क्रान्ति से, बीज दाड़िम का समझकर भ्रान्ति से।देखकर सहसा हुआ शुक मौन है। सोचता है अन्य शुक यह कौन है? कौन सा अलंकार है?

10 / 30

भर लाऊँ सीपी में सागर। प्रिय! मेरी अब हार विजय क्या?

कौन-सा अलंकार है?

11 / 30

हृदय घाव मेरे पीर रघुवीरै।

कौन-सा अलंकार है?

12 / 30

काशी पुरी की कीरति महा, जहाँ देह देइ, पुनि देह न पाइए।

कौन-सा अलंकार है?

13 / 30

अधरों पर अलि मँडराते, केशों पर मुग्ध परीहा।

कौन-सा अलंकार है?

14 / 30

ध्वनि-मयी करके गिरि-कंदरा। कलित-कानन केलि-निकुंज को।।

कौन-सा अलंकार है?

15 / 30

बढ़त-बढ़त सम्पति सलिल मन-सरोज बढ़ जाए। घटत-घटत फिर न घटै करु समूल कुम्हिलाय। कौन सा अलंकार है?

16 / 30

ऊधौ, मेरा हृदय तल था एक उद्यान न्यारा। शोभा देती अमित उसमें कल्पना-क्यारियाँ थीं।।

कौन-सा अलंकार है?

17 / 30

तीन बेर खाती थीं, वे तीन बेर खाती हैं। कौन सा अलंकार है?

18 / 30

मुख बाल-रवि-सम लाल होकर ज्वाल-सा बोधित हुआ।

कौन-सा अलंकार है?

19 / 30

जुग उरोज तेरे अली। नित-नित अधिक बढ़ायँ। अब इन भुज लतिकान में, एरी ये न समायँ।।

कौन-सा अलंकार है?

20 / 30

बहुरि विचार कीन्ह मन माहीं। सीय वचन सम हितकर नाहीं।।

कौन-सा अलंकार है?

21 / 30

तरनि तनूजा तट तमाल तरुवर बहु छाए।

कौन-सा अलंकार है?

22 / 30

को तुम? हैं घनश्याम हम, तो बरसो कित जाए।

कौन-सा अलंकार है?

23 / 30

नदियाँ जिनकी यशधारा-सी। बहती हैं अब भी निशि-वासर।।

24 / 30

कमल नैन को छांड़ि महातम, और देव को ध्यावै। कौन सा अलंकार है?

25 / 30

माला फेरत जुग गया, फिरा न मन का फेर। कर का मनका डारि दे, मन का मनका फेर।।

कौन-सा अलंकार है?

26 / 30

अजौ तरयौना ही रह्यों, श्रुति सेवत इक अंग। नाक बास बेसिर लह्यौं, बसि मुक्तन के संग।।

कौन-सा अलंकार है?

27 / 30

कुन्द इन्दु सम देह, उमा रमन करुण अयन।

कौन-सा अलंकार है?

28 / 30

चरन धरत चिन्ता करत, भावत नींद न शोर। सुबरन को खोजत फिरत, कवि व्यभिचारी चोर।।

कौन-सा अलंकार है?

29 / 30

मुन्ना तब मम्मी के सर पर देख-देख दो चोटी। भाग उठा भय मानकर सर पर साँपिन लोटी।।

कौन-सा अलंकार है?

30 / 30

अति मलीन, वृषभानु कुमारी। अधमुख रहित, उरध नहीं चितवत्, ज्यों गथ हारे पकित कुम्हिलानो, ज्यों नलिनी हिसकर की मारी।।

Your score is

The average score is 41%

0%